नवरात्रि 2025: तिथि, पूजा विधि, महत्व और शुभकामनाएं

नवरात्रि 2025: माँ दुर्गा की कृपा और सेवा का पर्व

भारत एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है, जहाँ हर दिन कोई न कोई पावन तिथि या त्योहार मनाया जाता है। इन्हीं में से एक विशेष पर्व नवरात्रि है, जो शक्ति की आराधना का प्रतीक है। नवरात्रि संस्कृत शब्द से बना है, जिसका अर्थ है "नौ रातों का उत्सव"। इस दौरान भक्त माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।

यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय, शक्ति, साधना और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। नवरात्रि 2025 में माता रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्तगण व्रत, पूजन, हवन और दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्यों में संलग्न रहेंगे।


Navratri 2025: Maa Durga riding lion in warrior pose with weapons – symbol of power and protection
 

नवरात्रि 2025 के लिए प्रेरणादायक कविता

नव नए दिवस आने वाले हैं
जय ज्योति जगाने वाले हैं
मनुष्य के कुछ धर्म हैं
उसमें मनुष्यता निभाने वाले हैं

मानव मन से प्रेम प्रण लेंगे
ज्योति जग सब जन लेंगे
किसी के दुःख में साथी बनेंगे
माता के चरणों से नमन लेंगे

जय जय उच्चारण प्रबल बने
जग जीवन का जो संबल बने
कष्ट हरे, सब पीड़ा दूर करे
कर्म जय से कार्य सफल बने

- किशोर चौहान

 

नवरात्रि 2025 की शुभकामनाएँ और विशेष कविता

दिव्य ज्योति, दिव्य प्रकाश
दिव्य धरा, दिव्य आकाश
दिव्य पूजन, दिव्य मास
दिन शुभ हैं

माँ दुर्गा, माँ चामुंडा, माँ भवानी
देवियां सारी लिख देते हैं
होता है जन्म इनका
जब घर में तो, नारी लिख देते हैं

- किशोर चौहान

नारी का स्वरूप: घर में देवी का वास

माँ जैसी घर में नारी होती है
देवियां उनमें सारी होती हैं

✍ - किशोर चौहान
 

नवरात्रि 2025 का शुभारंभ और तिथियाँ

नवरात्रि वर्ष में चार बार मनाई जाती है— चैत्र, माघ, आषाढ़ और अश्विन। इनमें से चैत्र और अश्विन की नवरात्रि मुख्य रूप से मनाई जाती हैं। 

नवरात्रि 2025 की तिथियाँ इस प्रकार हैं:
 
चैत्र नवरात्रि 2025: 30 मार्च 2025 (रविवार) से 7 अप्रैल 2025 (सोमवार)
शारदीय नवरात्रि 2025: 29 सितंबर 2025 (सोमवार) से 7 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
विजयदशमी/दशहरा: 8 अक्टूबर 2025 (बुधवार)

इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है और उपवास रखे जाते हैं।

नवरात्रि का महत्व और धार्मिक अनुष्ठान

नवरात्रि केवल उपवास और पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह आंतरिक शुद्धिकरण, भक्ति और सेवा का संदेश भी देता है। इस दौरान लोग:

✔ घरों में कलश स्थापना करते हैं
✔ माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं
✔ भजन-कीर्तन और गरबा में भाग लेते हैं
✔ व्रत और फलाहार ग्रहण करते हैं
✔ कन्या पूजन कर बेटियों को आशीर्वाद देते हैं

शारदीय और चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथियाँ

  • चैत्र नवरात्रि मुख्य रूप से भगवान राम के जन्मोत्सव (रामनवमी) से जुड़ी होती है।
  • शारदीय नवरात्रि दशहरा (विजयदशमी) के साथ समाप्त होती है, जो रावण पर श्रीराम की विजय का प्रतीक है।

इस वर्ष नवरात्रि 2025 में कुछ नया करें!

🌸 जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें
🌸 मंदिरों में सेवा करें
🌸 गौशाला में गोसेवा करें
🌸 पेड़ लगाएं और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें


माँ दुर्गा की आराधना और नवरात्रि व्रत के नियम

✅ केवल सात्विक भोजन करें
✅ लहसुन-प्याज, मांस-मदिरा से दूर रहें
✅ माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें
✅ प्रतिदिन घी या तेल का दीपक जलाएं
✅ कन्या पूजन करें

नवरात्रि पर माता के 9 रूपों की पूजा विधि

शैलपुत्री – घी का भोग लगाएं
ब्रह्मचारिणी – चीनी या मिश्री का भोग लगाएं
चंद्रघंटा – दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं
कूष्मांडा – मालपुए का भोग लगाएं
स्कंदमाता – केले का भोग चढ़ाएं
कात्यायनी – शहद का भोग लगाएं
कालरात्रि – गुड़ या गुड़ से बने व्यंजन चढ़ाएं
महागौरी – नारियल का भोग लगाएं
सिद्धिदात्री – तिल या तिल से बनी मिठाई चढ़ाएं

नवरात्रि व्रत में क्या करें और क्या न करें?

 क्या करें:
  • माँ दुर्गा की पूजा करें
  • फल और सात्विक भोजन ग्रहण करें
  • दान-पुण्य करें
क्या न करें:
  • नशा, मांसाहार और तामसिक भोजन न करें
  • झूठ और अपशब्दों से बचें

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