बचपन की यादें | बचपन शायरी 2 लाइन

✨ बचपन शायरी | बचपन की यादें | Bachpan Quotes in Hindi ✨

बचपन की मासूमियत को शब्दों में संजोए खूबसूरत शायरी

बचपन (Bachpan) जिंदगी का सबसे प्यारा और मासूम दौर होता है, जहाँ न कोई चिंता होती है और न ही कोई परेशानियाँ। वो कागज़ की नावें, बारिश में भीगना, माँ की ममता और दोस्तों के संग खेलना – ये सब यादें दिल को छू जाती हैं।

आज के इस ब्लॉग में हम बचपन पर शायरी (Bachpan Shayari), बचपन की यादें (Bachpan Ki Yaadein), बचपन स्टेटस (Bachpan Status), और बचपन कोट्स (Bachpan Quotes in Hindi) आपके साथ साझा कर रहे हैं। ये खूबसूरत शायरी आपको बीते दिनों की सुनहरी यादों में ले जाएगी और दिल में बचपन की मासूमियत जगा देगी।


📚 बचपन पर बेहतरीन शायरी | Childhood Quotes in Hindi

1️⃣ उड़ती उमंग, उड़ता ऊंचा मन

उड़ती उमंग उड़ता ऊंचा मन मन याद आता है,
यादों में अब पतंग लिए वो बचपन याद आता है। 

चिंता रहित मन होता है

कितना प्यारा बपचन होता हैं

- किशोर चौहान

"बचपन की यादों को दर्शाती एक खूबसूरत नॉस्टैल्जिक तस्वीर, जिसमें बच्चे पतंग उड़ा रहे हैं, गलियों में खेल रहे हैं और बारिश का आनंद ले रहे हैं। यह चित्र भारतीय संस्कृति और मासूमियत को दर्शाता है।"
2️⃣ बचपन की मासूमियत और दोस्ती की यादें

सात दिन थे क्या खूब सार था दोस्त,
बचपन खूब, ख़ूब इतवार था दोस्त।

एक-एक कर सब दूर चले गए,
जो ज़िंदगी का मेरे मुख्य किरदार था दोस्त।

क्या खुब थे दिन, क्या खुब थी बातें,
बचपन ही खुशियों का संसार था दोस्त।

-किशोर चौहान


3️⃣ संजीदा मिजाज के साथ बचपन भी

हासिल न हो उसे पाने का एक बड़ा सपना भी रखते हैं,
ऐसे संजीदा मिजाज के साथ एक बचपना भी रखते हैं। 💭

- किशोर चौहान


4️⃣ अब कंधों पर स्कूल वाला बस्ता कहाँ है?

ज़िंदगी है, कहाँ जाए, रस्ता कहाँ है?
ख़्वाब मंहगे हैं यहाँ कुछ सस्ता कहाँ है?
बचपन था सब कुछ खरीद लेने का मन था,
अब कंधों पर स्कूल वाला बस्ता कहाँ है? 🎒

- किशोर चौहान


5️⃣ बचपन के फैसले और बढ़ती दूरियाँ

बचपन में कुछ फैसले किए थे, उन गलियों में,
आज कुछ ज्यादा फासला बढ़ गया, उन गलियों से।

- किशोर चौहान


6️⃣ बचपन से बुढ़ापे तक का सफर

सफ़र बचपन से बुढ़ापे तक, एक अच्छी कहानी भी होंगी,
पर, चलना सम्भल कर, बीच में जवानी भी होंगी। 💯✍🏻

- किशोर चौहान

7️⃣ आजकल की फिक्र

आजकल फिकर है आने वाले कल की,
गुजरे कल को फिकर थी आजकल की।

- किशोर चौहान


8️⃣ उम्र के साथ बदलते लफ्ज़

लफ्ज़ जिस उम्र के लिख रहे है,
अब हम कहा उस उम्र के रहे है,
पढ़ कर फलसफा दुनियां का,
इस उम्र में उम्र से आगे चल रहे है। ✍️

- किशोर चौहान


9️⃣ जमाने के सवाल

जमाना मुझसे मेरा ख्वाब पूछता है,
कितना मुश्किल मुझे जवाब पूछता है,
अच्छा करने की अच्छी नियत हो,
इससे अच्छी क्या इंसानियत हो।

- किशोर चौहान

🔟 ज़िन्दगी का सार

ज़िन्दगी का अच्छा सार बने,
कुछ ऐसा प्रभावी किरदार बने,
कुछ अच्छा करने की बात आई,
सबसे ज्यादा असरदार बने।

- किशोर चौहान


1️⃣1️⃣ माँ जैसा दामन कहाँ?

ग़म के पहलू में माँ जैसा दामन नही दिखा,
शहर के महलों में गाँव जैसा आंगन नही दिखा,

कहने को होते है कई मौसम जहान में,
जवानी में बचपन जैसा सावन नही दिखा।

- किशोर चौहान

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