संविधान से आर्थिक सुधार तक: अंबेडकर और मनमोहन सिंह की विरासत
मनमोहन सिंह का भारत के लिए योगदान
मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्तित्व रहे हैं। वे भारत के 14वें प्रधानमंत्री थे और उन्होंने 1991 में भारत में आर्थिक सुधारों की नींव रखी। उनकी नीतियों के कारण भारत ने आर्थिक प्रगति की ओर महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। उनकी नेतृत्व क्षमता और ईमानदारी उन्हें भारतीय राजनीति का एक आदर्श नेता बनाती हैं।
मनमोहन सिंह के प्रमुख योगदान:
1991 के आर्थिक सुधार: भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाले सुधार।
GDP ग्रोथ में वृद्धि: उनके कार्यकाल में भारत की GDP तेज़ी से बढ़ी।
विदेश नीति में संतुलन: अमेरिका और अन्य देशों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए।
आर्थिक स्थिरता: मंदी और वैश्विक संकट के समय भारतीय अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखा।
राजनीति में ऊंचा नाम: डॉ. मनमोहन सिंह को समर्पित कविता
राजनीति में ऊंचा आयाम बने मनमोहन जीराजनीति में ऐसा ऊंचा नाम बने मनमोहन जी
कौन भूल पायेगा उन्हें भविष्य के वर्षों में
राजनीति में ऊंची पहचान बने मनमोहन जी
ऊंचा रहा राजनीति पद, ऊंची रही प्रतिष्ठा
राजनीति में ऐसे प्रधान बने मनमोहन जी
जब गहन हुआ आर्थिक संकट भारत पर
सबसे अच्छा समाधान बने मनमोहन जी
देश को संकट में आगे बढ़ाया इस तरह
देश की ऊंची शान बने मनमोहन जी
राजनीति के आयाम किस ओर चले
क्यों अच्छे भले किरदार कहानी छोड़ चले
आर्थिक संकट का समाधान बने
राजनीति में ऐसा ऊंचा नाम बने
लेखक: किशोर चौहान
बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर: भारतीय राजनीति और समाज में क्रांति
डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें हम आदरपूर्वक बाबा साहब अंबेडकर कहते हैं, भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के सच्चे योद्धा थे। उन्होंने अपने जीवन को पिछड़े, शोषित और वंचित समाज के अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया। वह समानता के प्रतीक और न्याय की आवाज़ थे।
बाबा साहब ने अपने संघर्षों से यह सिद्ध किया कि ऊँची जाति नहीं, बल्कि ऊँचा विचार और कर्म महानता की पहचान है। उनका जन्म एक वंचित परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने अपने परिश्रम और बुद्धिमत्ता से भारतीय संविधान का निर्माण कर भारत को एक नया दिशा दी।
डॉ. अंबेडकर ने हर अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में समान अवसर, शिक्षा और अधिकार नहीं मिलेंगे, तब तक लोकतंत्र अधूरा रहेगा। उन्होंने दलित अधिकारों, शिक्षा की महत्ता, और महिलाओं की स्वतंत्रता को लेकर कई ऐतिहासिक कार्य किए।
उनकी सोच केवल उनके युग तक सीमित नहीं रही। आज भी उनके विचार समाज में समानता और मानव अधिकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने एक ऐसा संविधान बनाया जो हर नागरिक को न्याय, स्वतंत्रता और समानता प्रदान करता है।
बाबा साहब अंबेडकर का जीवन संघर्षों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वे कोठार की तरह कठोर परिस्थितियों से निकले और महान समाज सुधारक बन गए।
संविधान की आवाज़: बाबा साहब को समर्पित
संविधान की आवाज बाबा साहबहर पिछड़े जन का आगाज बाबा साहब
वो अधिकारों को ज्वाल बने
अन्यान्य के विरुद्ध सवाल बने
ऊंचे ऊंचे कुल से श्रेष्ठ
वो स्वयं ऊंची मिसाल बने
भारत को वो यश गान बने
समानता का परिणाम बने
अन्यान्य के विरुद्ध वो
न्याय की पहचान बने
सम्मान हक सबको मिल जाए
ऐसे वो विधि का विधान बने
कोठार कठिन संघर्ष रहा
ऐसे बाबा साहेब महान बने
लेखक: किशोर चौहान
निष्कर्ष
डॉ. भीमराव अंबेडकर और डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के दो ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपने-अपने युग में राष्ट्र को दिशा दी।
बाबा साहब अंबेडकर ने जहां सामाजिक न्याय, समानता और संविधान की नींव रखी, वहीं डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने शांत, विद्वतापूर्ण और निर्णायक नेतृत्व से देश को आर्थिक संकट से उबारा और स्थिरता प्रदान की।
इन दोनों विभूतियों की ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता और राष्ट्र के प्रति समर्पण आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। प्रस्तुत कविताएं उनके जीवन, योगदान और आदर्शों को सम्मानपूर्वक समर्पित हैं।
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